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भक्ति ही कलयुग में मुक्ति का मार्ग है – कथा व्यास नीरज कृष्ण पाण्डेय

Sultanpur

भक्ति ही कलयुग में मुक्ति का मार्ग है – कथा व्यास नीरज कृष्ण पाण्डेय

सुल्तानपुर। कथा के तीसरे दिन आचार्य नीरज कृष्ण पाण्डेय ने बताया कि राजा परीक्षित ने सुकदेव जी महाराज से प्रश्न किया कि अगर सात दिन में किसी मनुष्य की मृत्यु होने वाली हो तो उसको किसका श्रवण करना चाहिए, किसका भजन करना चाहिए और किसका स्मरण करना चाहिए।किस चीज का त्याग करना चाहिए। साथ में मनु वंश में जन्मे आकूति देहूति प्रसूति उत्तानपाद और प्रियवर्त जी की कथा सुनाइए, ये इच्छा जाहिर की। विनोबापुरी सुल्तानपुर में एल आई सी अधिकारी जी डी पाण्डेय के यहां आयोजित श्री मद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा व्यास नीरज कृष्ण पाण्डेय ने बताया कि कलयुग में चारों तरफ घोर पाप देखने को मिल रहा है। मनुष्य मनुष्य का कल्याण नहीं देख पा रहा है। सभी आपस में ही संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने मानव कल्याण के लिए भागवत कथा का श्रवण ही एक मात्र रास्ता बताया है। कथा के मुख्य आयोजक जीडी पाण्डेय ने सभी से कथा श्रवण करने का आग्रह किया। अजय पाण्डेय, विजय पाण्डेय,अवनीश पाण्डेय, हरिओम पांडे, अरुण तिवारी सभासद,अनुराग दुबे आदि सैकड़ों कथा भक्तों ने कथा का श्रवण किया और प्रसाद ग्रहण किया।

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